Thursday, July 2, 2009

भारत में बैंकों के प्रकार |

ब्रिटिश राज में भारत में आधुनिक बैंकिंग की शुरुआत हुई। १९ वीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बैंकों की शुरुआत की - बैंक ओफ़ बंगाल १८०९ में, बैंक ओफ़ बोम्बे १८४० में और बैंक ओफ़ मद्रास १८४३ में। लेकिन बाद में इन तीनों बैंको का विलय एक नये बैंक इंपीरियल बैंक में कर दिया गया जिसे सन १९५५ में स्टेट बैंक ओफ़ इंडिया में विलय कर दिया गया। इलाहबाद बैंक भारत का पहला खुद का बैंक था। रिजर्व बैंक ओफ़ इंडिया सन १९३५ में स्थापित किया गया था और फ़िर बाद में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ओफ़ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक स्थापित हुए।

सन १९६९ में १४ बड़े बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों का दर्जा दिया गया। सन १९८० में फ़िर बड़े निजी बैंकों का अधिगृहण भारत सरकार ने किया।

भारत की वाणिज्यिक बैंकिंग इन श्रेणियों में रख सकते हैं।

. केंन्द्रीय बैंक - रिजर्व बैंक ओफ़ इंडिया भारत की केंन्द्रीय बैंक है जो कि भारत सरकार के अधीन है। इसे केन्द्रीय मंडल के द्वारा शासित किया जाता है, जिसे एक गवर्नर नियंत्रित करता है जिसे केन्द्र सरकार नियुक्त करती है। यह देश के भीतर की सभी बैंकों को संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी करती है।

.सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक -

- भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों को स्टेट बैंक समूह बुलाया जाता है।

- 20 राष्ट्रीयकृत बैंक

- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो कि मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रायोजित हैं\

. निजी क्षेत्र के बैंक

- पुरानी पीढ़ी के निजी बैंक

- नई पीढ़ी के निजी बैंक

- भारत में सक्रिय विदेशी बैंक

- अनुसूचित सहकारी बैंक

- गैर अनुसूचित बैंक

. सहकारी क्षेत्र - सहकारी क्षेत्र की बैंकें ग्रामीण लोगों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है. इस सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित कर सकत हैं -

1. राज्य सहकारी बैंक

2. केन्द्रीय सहकारी बैंक

3. प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी

. विकास बैंकें / वित्तीय संस्थाऐं

* आईएफसीआई

* आईडीबीआई

* आईसीआईसीआई

* IIBI

* SCICI लिमिटेड

* नाबार्ड

*-निर्यात आयात बैंक ऑफ इंडिया

* राष्ट्रीय आवास बैंक

* लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया

* पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम

बैंकों की सूची के लिये यहाँ चटका लगाइये।

3 comments:

  1. ब्लॉग जगत में पहली बार एक ऐसा सामुदायिक ब्लॉग जो भारत के स्वाभिमान और हिन्दू स्वाभिमान को संकल्पित है, जो देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करता है, पर बाबर और लादेन द्वारा रचित इस्लाम की हिंसा का खुलकर विरोध करता है. साथ ही धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले हिन्दुओ का भी विरोध करता है.
    आप भी बन सकते इस ब्लॉग के लेखक बस आपके अन्दर सच लिखने का हौसला होना चाहिए.
    समय मिले तो इस ब्लॉग को देखकर अपने विचार अवश्य दे
    जानिए क्या है धर्मनिरपेक्षता
    हल्ला बोल के नियम व् शर्तें

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