Tuesday, July 7, 2009

सावधि जमा खाते एवं ऋण खाते के बारे में

सावधि जमा खाता खोलने की जानकारी

आमतौर पर बचत बैंक खाते खोलते समय जो जानकारियां दी जाती हैं वही जानकारियां सावधि जमा खाता के लिये चाहिये होती हैं। हालांकि 10,000 रुपये से कम जमा राशियों के लिये फ़ोटो की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा पैन नंबर की आवश्यकता 50,000/- रुपये या इससे ज्यादा नकद जमा किये जाने पर ही होती है।

सावधि जमा - विभिन्न उत्पाद

बैंकों ने ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भिन्नरूपों में बुनियादी सावधि जमा शुरू की हैं। लचीली जमा योजना ऐसी ही एक नवीन योजना है। इस योजना में सावधि जमा छोटी राशि की इकाइयों में विभाजित हो जाती है जमा लेखा कार्यों के लिये। इससे उपभोक्ता को यह सुविधा मिलती है कि वह अपनी सावधि जामा खाते में से किसी भी समय यूनिट समयपूर्व आहरण कर सकता है और बाकी की बची हुई यूनिट पर अनुबंधित ब्याज दर कमायेगा।

जमा खाते आमतौर पर दो तरह के होते हैं –

१. साधारण ब्याज वाले

साधारण ब्याज वाले सावधि जमा खाते साधारणतया कम समय के लिये होते हैं, आमतौर पर १ वर्ष या उससे कम, पर हरेक बैंक की अपनी अवधि हो सकती है।

२. मिश्रधन ब्याज वाले

मिश्रधन ब्याज वाले सावधि जमा खाते कम से कम एक वर्ष और ज्यादा से ज्यादा दस वर्ष के होते हैं, इसमें त्रैमासिक अवधि में ब्याज जमा खाते में जमा कर दिया जाता है।

वैसे आजकल कई बैंकों ने नियम बना दिया है कि अगर ग्राहक एक वर्ष के बाद सावधि जमा खाते से समय पूर्व भुगतान लेता है, तो उसे समय पूर्व भुगतान लेने का दण्ड नहीं देना पड़ता है। यह नियम भी हरेक बैंक में अलग अलग हो सकता है।

महत्वपूर्ण नोट :

कृप्या अपने बैंक के साथ जमा खाता में नामांकन फार्म भरने भूलें।

ऋण खाते के बारे में जानकारी -

ऋण एक प्रकार से बैंक से लिया गया कर्ज है। सभी ऋण लिखतों की तरह, कुछ समय के बाद ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच वित्तीय आस्तियों के पुनर्वितरण होता है।.

ऋण में, उधारकर्ता शुरू में ऋणदाता से राशि लेता है, जिसे मूलधन कहते हैं जो कि ऋणदाता देता है, इसे वापस भुगतान करने के लिये ऋणदाता उसकी एक समान राशि हर महीने उधारकर्ता को चुकाने के लिये नियत समय पर बाध्य होगा। आमतौर पर ऋण नियमित किश्तों में, या आंशिक चुकौती में वर्ष में किया जाता है, सभी किस्त समान राशि की होती है।

सामान्यतः ऋण भविष्य की एक तय राशि के लिये दिया जाता है, जो कि ब्याज के ऊपर ऋण जाना जाता है, जो कि ऋणदाता को ऋण देने के लिये प्रोत्साहित करता है। कानूनन ऋण में, इन सभी दायित्वों और प्रतिबंधों को अनुबंधित कर लिया जाता है जो कि समान रुप से उधारकर्ता के लिये भी लागू होती है, ओर वह भी अनुबंध में बँधा रहता है। हालांकि यह अनुच्छेद मौद्रिक ऋण पर केन्द्रित होता है, और किसी सामग्री को बंधक रखने की मांग कर सकता है। ऋण देना वित्तीय संस्थाओं के प्रमुख कार्यों में से एक है। अन्य संस्थाओं के लिए, ऋण अनुबंधों के बांड जारी करना धन प्राप्त करने का एक विशिष्ट स्रोत है।

Thursday, July 2, 2009

भारत में बैंकों के प्रकार |

ब्रिटिश राज में भारत में आधुनिक बैंकिंग की शुरुआत हुई। १९ वीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बैंकों की शुरुआत की - बैंक ओफ़ बंगाल १८०९ में, बैंक ओफ़ बोम्बे १८४० में और बैंक ओफ़ मद्रास १८४३ में। लेकिन बाद में इन तीनों बैंको का विलय एक नये बैंक इंपीरियल बैंक में कर दिया गया जिसे सन १९५५ में स्टेट बैंक ओफ़ इंडिया में विलय कर दिया गया। इलाहबाद बैंक भारत का पहला खुद का बैंक था। रिजर्व बैंक ओफ़ इंडिया सन १९३५ में स्थापित किया गया था और फ़िर बाद में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ओफ़ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक स्थापित हुए।

सन १९६९ में १४ बड़े बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों का दर्जा दिया गया। सन १९८० में फ़िर बड़े निजी बैंकों का अधिगृहण भारत सरकार ने किया।

भारत की वाणिज्यिक बैंकिंग इन श्रेणियों में रख सकते हैं।

. केंन्द्रीय बैंक - रिजर्व बैंक ओफ़ इंडिया भारत की केंन्द्रीय बैंक है जो कि भारत सरकार के अधीन है। इसे केन्द्रीय मंडल के द्वारा शासित किया जाता है, जिसे एक गवर्नर नियंत्रित करता है जिसे केन्द्र सरकार नियुक्त करती है। यह देश के भीतर की सभी बैंकों को संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी करती है।

.सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक -

- भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों को स्टेट बैंक समूह बुलाया जाता है।

- 20 राष्ट्रीयकृत बैंक

- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो कि मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रायोजित हैं\

. निजी क्षेत्र के बैंक

- पुरानी पीढ़ी के निजी बैंक

- नई पीढ़ी के निजी बैंक

- भारत में सक्रिय विदेशी बैंक

- अनुसूचित सहकारी बैंक

- गैर अनुसूचित बैंक

. सहकारी क्षेत्र - सहकारी क्षेत्र की बैंकें ग्रामीण लोगों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है. इस सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित कर सकत हैं -

1. राज्य सहकारी बैंक

2. केन्द्रीय सहकारी बैंक

3. प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी

. विकास बैंकें / वित्तीय संस्थाऐं

* आईएफसीआई

* आईडीबीआई

* आईसीआईसीआई

* IIBI

* SCICI लिमिटेड

* नाबार्ड

*-निर्यात आयात बैंक ऑफ इंडिया

* राष्ट्रीय आवास बैंक

* लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया

* पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम

बैंकों की सूची के लिये यहाँ चटका लगाइये।